लेखनी कहानी -17-Oct-2022# धारावाहिक लेखन प्रतियोगिता # त्यौहार का साथ # धनतेरस
धनतेरस जो कि एक प्रमुख हिंदू त्योहार है और यह दिवाली त्योहार से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह कार्तिक महीने में तेरहवें चंद्र दिवस के अंधेरे पक्ष में मनाया जाता है, जिसे आमतौर पर कार्तिक अमावस्या कहा जाता है
धनतेरस जो कि एक प्रमुख हिंदू त्योहार है और यह दिवाली त्योहार से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह कार्तिक महीने में तेरहवें चंद्र दिवस के अंधेरे पक्ष में मनाया जाता है, जिसे आमतौर पर कार्तिक अमावस्या कहा जाता है।
धनतेरस – समृद्धि का त्योहार
धनतेरस को विशेष रूप से समृद्धि का त्योहार कहा जाता है। इस दिन महंगे सामान खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन किया गया खर्च आपको सालभर में कई तरह से धन का लाभ कराता हैं। इसी वजह से, लोग धनतेरस तक अपनी महत्वपूर्ण खरीदारी स्थगित कर देते हैं। धनतेरस के दिन वाहनों की खरीदारी करना भी एक आम चलन बन गया है।
त्यौहार के दौरान स्टील के बर्तन और बर्तनों की काफी मांग रहती है। ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए दुकानें अपने आम समय से काफी देर तक खुली रहती हैं। जो लोग महंगे सामानों पर ज्यादा खर्च नहीं कर सकते, वे छोटे चांदी के सिक्के खरीदने की कोशिश करें, क्योंकि यह भी शुभ माना जाता है।
धन और समृद्धि का यह हिंदू त्योहार देवी लक्ष्मी की पूजा करने के साथ ही शुरू करना चाहिए। साथ ही, आयुर्वेद और अच्छे स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी की भी स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करने के लिए पूजा की जाती है। पूजा-पाठ व अनुष्ठान ज्यादातर शाम के वक़्त घर के प्रत्येक सदस्य की उपस्थिति में और पारंपरिक पूजा स्थल पर किया जाता है।
चूंकि यह समृद्धि का त्योहार है, इसलिए लोग अपने घरों को भी साफ करते हैं, उन्हें एक नया रंग देते हैं और उन्हें कई तरह से सजाते हैं ताकि घर को एक समृद्ध रूप दिया जा सके। सजावटी रोशनी, लैंप, पेंटिंग, सोफा कवर और तमाम चीजों से घर को अन्दर तथा बाहर से सजाया जाता है। धनतेरस के बारे में पूरी बात ये है कि यह हर किसी को समृद्ध और अच्छे स्वास्थ्य का एहसास कराता है जैसा पहले कभी नहीं हुआ।
धनतेरस के त्योहार से जुड़ी एक छोटी लेकिन रोचक व पौराणिक कहानी है। कहानी राजा हेमा के 16 साल के बेटे से संबंधित है। राजकुमार की कुंडली ने भविष्यवाणी की थी कि उनकी मृत्यु उसकी शादी के चौथे दिन सांप के काटने से होगी। इससे राजा चिंतित हुआ; फिर भी, उसने राजकुमार की शादी की। राजकुमार की नवविवाहित पत्नी भविष्यवाणी के बारे में जानती थी और इसलिए उसने राजकुमार को बचाने की योजना बना रखी थी।
उनकी शादी की चौथी रात, राजकुमार की नवविवाहित पत्नी ने अपने सभी सोने, चांदी के गहने आदि सब निकाल दिया और प्रवेश द्वार पर इसका ढेर लगा दिया। इसके बाद उसने भजन गाना शुरू कर दिया और राजकुमार को जगाए रखने के लिए कहानियाँ भी सुनाईं। उस प्राणघातक रात में जब मृत्यु के देवता यम पहुंचे, तो एक सांप के रूप में खुद को छुपा नहीं पा रहे थे, उनकी आँखें सजावटी आभूषणों के ढेर की चमक से चकित थीं।
वह ढेर पर ही चढ़ गए और उसके ऊपर बैठ कर राजकुमार की पत्नी के गाने और कहानियाँ सुनने लगे। सुबह होने के साथ-साथ वह राजकुमार की जान लिए बगैर ही वापस चले गए। इसलिए, राजकुमार की जान उसकी पत्नी की समझदारी और चतुराई से बच गई थी। तब से यह दिन धनतेरस के रूप में मनाया जाता है और समृद्धि के लिए स्पष्ट रूप से महत्व रखता है। अगला दिन, वह दिन जब यम उस घर से वापिस खाली हाथ अपने कदम लेकर गए, उसे नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।
माना जाता है कि धनतेरस परिवार में समृद्धि और स्वास्थ्य की खुशियाँ लाता है और इस शुभ अवसर पर देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
Suryansh
26-Oct-2022 06:01 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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Khan
25-Oct-2022 07:38 PM
Bahut khoob 💐👍
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Muskan khan
23-Oct-2022 07:07 PM
Nice 👌
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